सुषु और सामु – Sushant Tupkari
ज़िंदगी में कुछ पल ऐसे भी होते हैं जिन्हें व़क्त के साथ संभालना पड़ता है। वैसे ही मेरे भी ज़िंदगी में एक पल आया था। एक हसीन चेहरा देखे, मैंने सब गवाया था। देखते ही इश्क़ हो गया था मुझे उसे। पर केहते हैं न कि नसीब के आगे किसी की नहीं चलती। उसे मैं पसंद नहीं था, ये मुझे पता था। पर फिर भी उसे मोहब्बत होने लगी थी मुझे।
उसे देखना, उसके बारे में बातें करना, उसका फ़ोटो देखकर ख़ुश होना – बस यही काम था मेरा। पर हुआ यूँ कि हमारे न बने रिश्ते को भी किसी की नज़र लग गई। उसे हमसे चिड़ होने लगी। हमें देखने से भी डर रही थी, और वैसे मैंने भी सोच लिया कि अब हम मुसाफ़िर को अपने दिमाग़ और टूटे दिल से निकाल नहीं पाएंगे। फिर की हम अपनी क़िस्मत एक बार आज़माएंगे।
मैंने उसे अपने दिल से निकालने की कोशिश की, पर वो मेरे दिमाग़ में बस गई थी। मैं उसके बारे में सोचता रहता था, उसके फ़ोटो देखता रहता था। मेरे दोस्त मुझसे पूछते थे कि मैं क्यों इतना उदास रहता हूँ, पर मैं उन्हें कुछ नहीं बता पाता था।
एक दिन, मैंने उसे एक मैसेज भेजा। मैंने उसे बताया कि मैं उसे पसंद करता हूँ, पर मैं जानता हूँ कि वो मुझे पसंद नहीं करती। मैंने उसे कहा कि मैं उसके लिए कुछ भी कर सकता हूँ, पर वो मुझे एक मौका दे।
उसने मुझे जवाब दिया, पर वो जो कहा, वो मेरे लिए बहुत बड़ा झटका था। उसने मुझे बताया कि वो मुझे पसंद नहीं करती, और वो मुझसे दूर रहना चाहती है। मैंने उसे समझाने की कोशिश की, पर वो मुझे नहीं समझना चाहती थी।
मैंने उसे आख़िरी बार मैसेज भेजा। मैंने उसे बताया कि मैं उसके लिए हमेशा यहाँ रहूँगा, पर मैं उसके लिए और इंतज़ार नहीं कर सकता। मैंने उसे कहा कि मैं उसके लिए दुआ करूँगा, और मैं उम्मीद करता हूँ कि वो ख़ुश रहेगी।
उसने मुझे जवाब नहीं दिया, और मैंने भी उसे कभी नहीं भूला। मैंने उसे अपने दिल से निकालने की कोशिश की, पर वो मेरे दिमाग़ में बस गई थी। मैं उसके बारे में सोचता रहता था, उसके फ़ोटो देखता रहता था।
पर आज, मैं उसे भूलने की कोशिश कर रहा हूँ। मैं जानता हूँ कि वो मुझे पसंद नहीं करती, और मैं उसके लिए और इंतज़ार नहीं कर सकता। मैं उसके लिए दुआ करूँगा, और मैं उम्मीद करता हूँ कि वो ख़ुश रहेगी। तो और कहानी सुनाते हैं आपको। आगे की हुआ यूँ कि वो शख्स अब हमें अपना बनाना नहीं चाहता है, और ये दिल उसके बिना जीना नहीं चाहता है। इसलिए एक बात कहता हूँ, प्यार करो लेकिन किसी को इमोशनल अटैचमेंट मत होने देना। अगर हो गए तो ७ साल तक उसे भूला नहीं पाओगे।
मैंने उसे अपने दिल से निकालने की कोशिश की, पर वो मेरे दिमाग़ में बस गई थी। मैं उसके बारे में सोचता रहता था, उसके फ़ोटो देखता रहता था। मैं उसके लिए दुआ करता था, और मैं उम्मीद करता था कि वो ख़ुश रहेगी।
पर आज, मैं उसे भूलने की कोशिश कर रहा हूँ। मैं जानता हूँ कि वो मुझे पसंद नहीं करती, और मैं उसके लिए और इंतज़ार नहीं कर सकता। मैं उसके लिए दुआ करूँगा, और मैं उम्मीद करता हूँ कि वो ख़ुश रहेगी।
प्यार करना अच्छा है, लेकिन किसी को इमोशनल अटैचमेंट मत होने देना। अगर हो गए तो ७ साल तक उसे भूला नहीं पाओगे। इसलिए, प्यार करो लेकिन सावधानी से।
मैंने सीखा है कि प्यार करना अच्छा है, लेकिन किसी को इमोशनल अटैचमेंट मत होने देना। अगर हो गए तो ७ साल तक उसे भूला नहीं पाओगे। इसलिए, प्यार करो लेकिन सावधानी से।
प्यार करने से पहले, सोच लेना चाहिए कि क्या हम उस व्यक्ति के साथ अपना जीवन बिता सकते हैं? क्या हम उस व्यक्ति के साथ ख़ुश रह सकते हैं? अगर हाँ, तो प्यार करने में कोई हर्ज नहीं है। लेकिन अगर नहीं, तो प्यार करने से पहले सोच लेना चाहिए। कि तुमसे इश्क़ नहीं होता तो करना ज़रूरी नहीं
किसी को बीच राह में छोड़ना मجبूरी नहीं
और खेलने के लिए खिलौने होते हैं
किसी के मासूम दिल को तोड़ा नहीं करते
और प्यार किसी एक से होता है
हर किसी से थोड़ा-थोड़ा नहीं करते
ये बातें हमें हमेशा याद रखनी चाहिए। प्यार करना अच्छा है, लेकिन किसी के साथ खिलवाड़ करना गलत है। हमें किसी के दिल को तोड़ने से पहले सोच लेना चाहिए कि हमारे कार्यों का परिणाम क्या हो सकता है।
प्यार किसी एक से होता है, और हमें उसे पूरी तरह से देना चाहिए। हमें किसी के साथ खिलवाड़ करने से बचना चाहिए, और हमें हमेशा दूसरों के दिल का ख्याल रखना चाहिए।
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